पशुधन उत्पादन एवं मुर्गीपालन

पशुधन उत्पादन एवं मुर्गीपालन

Product Code: BOOK-UE23007  |  Genre: Educational & Professional   |  Subject: Agriculture

₹400.00

OUT OF STOCK
Authors : ब्रह्मानन्द बैरवा, डॉ. कृष्ण कुमार सिंह,
Number of Pages : 212
Language : Hindi
Publication Date : 05-11-2023
Year : 2023
ISBN Number : 978-81-960366-8-3
Binding : Paperback
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Book Author
ब्रह्मानन्द बैरवा

ब्रह्मानन्द बैरवा

सहायक प्रोफेसर

कृषि विभाग, करियर पॉइंट विश्वविद्यालय, कोटा, राजस्थान, भारत

डॉ. कृष्ण कुमार सिंह

डॉ. कृष्ण कुमार सिंह

सहायक प्रोफेसर

कृषि विज्ञान, महर्षि मारकंडेश्वर डीम्ड विश्वविद्यालय, मुल्लाना, हरियाणा, भारत

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About the Book

पशुपालन कृषि विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पालतू पशुओं के विभिन्न भागो जैसे भोजन, आवास, स्वास्थ्य, प्रजनन आदि का अध्ययन सम्मिलित है। पशुपालन का पठन-पाठन विश्व के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में किया जा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एवं पशुपालन का विशेष महत्व है। सकल घरेलू कृषि उत्पाद में पशुपालन का 28-30 प्रतिशत का योगदान है जिसमें दुग्ध एक ऐसा उत्पाद है जिसका योगदान सर्वाधिक है। भारत में विश्व की कुल संख्या का 15 प्रतिशत गायें एवं 55 प्रतिशत भैंस है और देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 53 प्रतिशत भैंसों व 43 प्रतिशत गायों और 3 प्रतिशत बकरियों से प्राप्त होता है। भारत लगभग 121.8 मिलियन टन दुग्ध उत्पादन करके विश्व में प्रथम स्थान पर है जो कि एक मिसाल है और उत्तर प्रदेश (Contributes around 18%) इसमें अग्रणी है। यह उपलब्धि पशुपालन से जुड़े विभिन्न पहलुओं ; जैसे- पशुओ की नस्ल, पालन-पोषण, स्वास्थ्य एवं आवास प्रबंधन व प्रजनन प्रणालिया इत्यादि में किए गये अनुसंधान एवं उसके प्रति जागरूक करने का परिणाम है। लेकिन आज भी कुछ अन्य देशों की तुलना में हमारे पशुओं का दुग्ध उत्पादन अत्यन्त कम है और इस दिशा में सुधार की बहुत आवश्यकता हें व अपार संभावनायें भी है।

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